अपने नारंगी-भूरे रंग के कारण, तथा मसाला उत्पादक देश श्रीलंका के साथ इसके ऐतिहासिक संबंध के कारण, इस गार्नेट को "दालचीनी पत्थर" के नाम से भी जाना जाता है।

हेसोनाइट को संस्कृत में 'गोमेद' या 'गोमेदक' के नाम से जाना जाता है। यह भारत की वैदिक परंपरा में नौ ग्रहों के रत्नों में से एक है और इसे राहु, आरोही चंद्र नोड का प्रतिनिधि माना जाता है। इसका ज्योतिषीय महत्व इसे भारत में बहुत लोकप्रिय पत्थर बनाता है।